गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
अरुण यह मधुमय देश हमारा,
जहां पहुंच अनजान क्षितिज को,
मिलता एक सहारा।
सचमुच भारत देश मधुमय ही तो है, जहां सारी जातियां, धर्म,
संप्रदाय सिमटकर एक हो गए हैं। विविधता में एकता हमारे देश की पहचान है। हमारा
लोकतंत्र हमें संपूर्ण विश्व में सबसे अलग बनाता है। इसीलिए –
आओ, लोकतंत्र का पर्व मनाए,
26 जनवरी आई है,
गणतंत्र दिवस मनाए।
हमारे यहां स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस दो बड़े
राष्ट्रीय पर्व है। इन दोनों पर्वों को हम सभी भारतीय बेहद खुशी, हर्षोल्लास, उमंग
और उत्साह के साथ मनाते हैं। साथ ही हम अपने इतिहास पर दृष्टि डालते हुए उन वीरों
को स्मरण करते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति में अपने प्राणों का बलिदान
दिया और हमारे उज्जवल भविष्य के लिए मार्ग बनाया।
गणतंत्र का अर्थ है जन द्वारा की हुई व्यवस्था। भारत में
ऐसे शासन की व्यवस्था हुई, जिसमें देश के विभिन्न दलों, वर्गों एवं जातियों के
प्रतिनिधि मिलकर शासन चलाते हैं इसलिए भारत की शासन पद्धति को गणतंत्र की संज्ञा
दी गई और इसे हम गणतंत्र दिवस के नाम से संबोधित करते हैं।
26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतंत्र देश बना और इसका अपना
संविधान लागू हुआ। लेकिन गणतंत्र दिवस की भी अपनी एक कहानी है इसका इतिहास सन 1929
के कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन से प्रारंभ हुआ। इस अधिवेशन में नेहरू जी को अध्यक्ष
चुना गया थगया नेहरू जी की अध्यक्षता में
कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति का प्रस्ताव पारित किया। इसी दिन रात के
12:00 बजे, रावी नदी के तट पर नेहरू जी ने स्वतंत्रता का झंडा फहराया और देश को
संबोधित करते हुए कहा हम पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने की घोषणा करते हैं। यह दिन
था 26 जनवरी का। इसी दिन सभी ने एक स्वर में भारत माता को गुलामी की जंजीरों से
मुक्त करने की प्रतिज्ञा की और इस प्रकार यह दिन हमारे लिए अविस्मरणीय बन गया।
इसके पश्चात भारत स्वतंत्र हुआ 15 अगस्त 1947 को। भारत स्वतंत्र तो हो गया पर इसे
गणतंत्र बनना बाकी था, अतः देश के संविधान निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई जो 26
जनवरी 1950 को पूरी हुई। इसी दिन भारत एक सर्व प्रभुता संपन्न लोकतंत्र गणराज्य बना
। इस दिन देश का शासन पूर्ण रूप से देशवासियों के हाथों में आ गया। इसी दिन घोषित
किया गया कि देश की सर्वोच्च सत्ता जिस व्यक्ति के अधीन रहेगी उसे राष्ट्रपति कहा जाएगा।
पहले राष्ट्रपति की घोषणा भी इसी दिन तारीख पर की गई।
26 जनवरी के दिन हम
सभी भारतीय लोकतंत्र को एक उत्सव के रूप में मनाते है। तथा अपनी स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखने
के लिए प्रतिज्ञा भी करते हैं।
इस दिन देश की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर खास परेड
का आयोजन किया जाता है। आम नागरिक भी इसमें शामिल होते हैं। राजपथ पर कई तरह के
कार्यक्रम देखने के लिए मिलते हैं। तीनों सेनाये राष्ट्रपति और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए
राजपथ से होकर निकलती हैं। राज्य और सरकारी विभागों की झांकियां भी हमें देखने के लिए
मिलती हैं।
इस दिन सार्वजनिक अवकाश होता है । सभी दफ्तर, स्कूल, कॉलेज बंद होते हैं। जगह जगह पर विशेष कार्यक्रम और
ध्वजारोहण होता है। पूरे राष्ट्र में लोगों का उत्साह देखते ही बनता है।
गणतंत्र दिवस भारतीयों को उनके स्वतंत्रता संग्राम व देश के
प्रति कर्तव्यों का स्मरण दिलाता है और प्रेरणा देता है कि हम कर्तव्यनिष्ठा से
देश को प्रगति, उन्नति व समृद्धि के पथ पर अग्रसर करें।
यूनान, मिस्र, रोम सब मिट गए जहां से,
अब तक मगर है, बाकी नामोनिशान हमारा,
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी,
सदियों रहा है दुश्मन, दौर ये जहां हमारा।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें